बद्दी|
दून के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता रामकुमार चौधरी ने ट्रक ऑपरेटरों की मांगो को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सरकार से ट्रक ऑपरेटरों को राहत देने की बात कही है| उन्होंने कहा कि जैसा कि पूरे हिमाचल प्रदेश के ट्रक ऑपरेटर को सरकार द्वारा ट्रकों पर लगे गुड्स टैक्स को बढ़ाकर तंग किया जा रहा है, जिस बारे पहले भी मांग उठाई गई थी। लेकिन मांग उठाने के बाद स्थानीय विधायक ने एक झूठा बयान दे कर लोगों को गुमराह करने का झूठा प्रयत्न किया है|
उन्होंने कहा कि मौजूदा विधायक के कहे अनुसार सरकार ने लगाए हुए टैक्स वापस ले लिए हैं। जो कि सरासर झूठ है इसमें और बहुत सारी दिक्कतें है जो अभी इस मौजूदा सरकार द्वारा की गई है, जब तक उन दिक्कतों को दूर नहीं किया जाता, तब तक बढे हुए टैक्स वापस लेने का कोई फायदा नहीं ।
उन्होंने कहा कि बढे हुए टेक्स जो कि बड़ी गाड़ियों के 10,000 से 16,000 और छोटी गाड़ी के 6,000 से 10,000 किए गए थे जिसकी अभी तक बढ़ोतरी वापस लेने की सरकार द्वारा कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की है। बल्कि ट्रक ऑपरेटरों को तंग करने का फरमान जारी किए है जिसमें सरकार ने जो गुड्स टैक्स पहले एक्साइज विभाग द्वारा वसूला जाता था उसे वसूलने की जिम्मेदारी आरटीओ को दे दी है, जोकि सरासर गलत है।
उन्होंने कहा कि पहले गाड़ियों की पासिंग के समय गुड्स टैक्स की एनओसी नहीं मांगी जाती थी। अब गुड्स टैक्स की एनओसी मांगी जा रही है, जोकि एक बहुत बड़ा बोझ हिमाचल के ट्रांसपोर्टर्स के ऊपर है। जैसे अगर किसी के पुराने गुड्स टैक्स जमा नहीं हुए उनके ऊपर सरकार द्वारा 18% ब्याज और इतना ही सरचार्ज लगाया जाता है। इस कारण जिस ट्रांसपोर्ट की गाड़ी पुरानी है जितनी उसकी कीमत है उससे ज्यादा लायबिलिटी एनओसी लेने के लिए उसके ऊपर खड़ी है। जिसे लेने में ट्रक ऑपरेटर असमर्थ है, और उसके बिना एनओसी के गाड़ी की पासिंग करना सरकार ने बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में ट्रक ऑपरेटर कोरोना और महंगाई की मार झेल रहे है| डीजल बढ़ोतरी, महंगे स्पेयर पार्ट, महंगी सर्विस, महंगी इंश्योरेंस, ड्राइवरों की तनख्वाह महंगी और ट्रकों को लगने वाले टायर के रेट 3 गुना बढ़ गए हैं। इन सब चीजों को मध्यनजर रखते हुए सरकार ने उल्टा उद्योगपतियों का साथ देकर माननीय न्यायालय का आसरा लेकर ट्रांसपोर्टर्स की परेशानियों को बढ़ाने के लिए दबाव बनाकर किराए कम कर दिए हैं। जबकि महंगाई को देखते हुए गाड़ी की लाइफ भी 15 साल कर दी है, जिस कारण ट्रांसपोर्ट का जीना दुर्लभ हो गया है और उन्हें रोटी के लाले पड़ रहे हैं ।
उन्होंने सरकार से सरकार से मांग की है कि इन बड़े हुए गुड्स टैक्स को वापस लेने के साथ-साथ उनके ऊपर लगाया जा रहा है सरचार्ज और और 18% ब्याज को वापस ले। बिना ब्याज और बिना सर चार्ज के जिसका ज्यादा गुड्स टैक्स है उसको किस्तों में देने के लिए वन टाइम सेटेलमेंट विभाग करें, ताकि उनका काम भी चलता रहे और सरकार का पैसा भी जो है वह वसूल हो जाए।
उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा सरकार ट्रक ऑपरेटरों को रहत देने के लिए इस काम को नहीं करती तो मैं हिमाचल प्रदेश के ट्रांसपोर्टर्स को वायदा करता हूं कि कांग्रेस सरकार आने पर राहत बड़े हुए गुड्स टेक्स के अलावा सरचार्ज और ब्याज दरों में राहत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार सरकार केवल उद्योगपतियों को मद्देनजर रखकर काम कर रही है| यदि बस ट्रांसपोर्ट से बस ऑपरेटर्स के टैक्स सरकार ने माफ किए,तो ट्रक ऑपरेटरों के क्यों नही हो सकते| ट्रक ऑपरेटरों के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों।
उन्होंने कहा कि सरकार याद रखें कि कोरोना काल महामारी में पूरे भारतवर्ष में विदेशों तक बद्दी से दवाइयों को इन्ही ट्रक ऑपरेटरों ने ढोया है और लोगों की जान बचाई है। पूरे लॉकडाउन में ट्रांसपोर्टरों ने गांव-गांव में जाकर लोगों को राशन मुहैया कराया है अगर यह संभव नहीं होता अगर ट्रांसपोर्ट नहीं होता । इसलिए सरकार को विशेषकर ट्रक ऑपरेटर का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इनकी मांगों को सरकार शीघ्र अतिशीघ्र पूरा नहीं करेगी तो वह नालागढ़ से एक बड़े आन्दोलन की शुरुवात करेंगे|
इस मौके पर दून ब्लॉक कांग्रेस के प्रधान कुलतार ठाकुर ग्राम पंचायत समिति की प्रधान रचना देवी पति प्रधान मेहरचंद, भीम सिंह, रंजीत चंदेल उर्फ संजू भटौली वार्ड पंच खरुणी सैनी साहब, परमजीत ,काला तथा अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।