प्रजासत्ता|
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन डॉ.परविंदर सिंह अरोड़ा की अदालत ने पेशे से कर्मकांड पंडित द्बारा नाबालिग के साथ जबरन यौन संबंध बनाने के आरोप में दोषी ठहराया और 15 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जानकारी अनुसार आरोपी को धारा 376 आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 15 साल के कठोर कारावास और 25,000/- रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माने का भुगतान न करने पर 6 माह के साधारण कारावास की सजा दी जाती है। कारावास की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी ।
जानकारी के अनुसार 13 जुलाई 2019 को पीड़िता की मां ने पीडिता और उसके छोटे भाई को पवित्र चावल (मंतर वाले चावल) लाने के लिए आरोपी सेवक राम उर्फ संजीव शर्मा के घर भेजा था। आरोपी करमकांड पंडित के रूप में भी काम करता था और क्षेत्र में एक विवाहित व्यक्ति है। आरोपी ने पीड़ित के भाई से पैसे देकर लवी घाट से इलायची लाने के लिए भेज दिया, और उसके बाद आरोपी ने पीड़िता को पूजा कक्ष के अंदर बुलाया और अंदर से दरवाजा और खिड़कियों को पर्दे बंद कर लिया उसका यौन उत्पीड़न किया।
जब पीड़िता और उसका भाई घर पहुंचे और पीड़िता ने अपनी मां को उपरोक्त घटना के बारे में बताया बाल पीड़ित की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 34 के तहत महिला थाना सोलन में मामला दर्ज किया गया था।
पीड़ित बच्ची का बयान भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज किया गया था। जहां पीड़िता ने कहा है कि आरोपी ने उसे कहा कि अगर उसे उसके मंगेतर से शादी करनी है तो उसे 7 बार आरोपी के साथ यौन क्रिया करनी होगी, इसी बहाने आरोपी ने नाबालिग बच्ची के साथ यौन संबंध बनाए। दरअसल आरोपी पेशे से कर्मकांड पंडित है।
विशेष लोक अभियोजक सुनील दत्त वासुदेव अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी की। कोर्ट ने पाया है कि आरोपित ने नाबालिग को धोखा दिया था। जब वह अपनी मां के निर्देशानुसार पवित्र चावल लेने के लिए उसके पास गई और फिर उसकी वासना का शिकार हो गई। कोर्ट ने पीड़िता को राहत और उसके पुनर्वास के लिए 9 लाख रुपये की राशि के मुआवजे के भुगतान की भी सिफारिश की। मुआवजे की राशि की 80 फीसदी राशि को एफडीआर के रूप में जमा किया जाएगा जबकि 20 फीसदी राशि पीड़िता उसके पुनर्वास के लिए तत्काल वितरित की जाएगी।