प्रजासत्ता|
सोलन के विभिन्न खण्डों में NPSEA हि. प्र. के निर्देशानुसार नई पेंशन व्यवस्था के विरोध में काला दिवस मनाया गया। लॉकडाऊन के कारण 15 मई 2003 के बाद नियुक्त और नियमित हुए कर्मचारियों के अतिरक्त पुरानी पैंशन में आने वाले कर्मचारियों ने घर पर ही और जो कर्मचारी ड्युटी पर थे उन्होने वहीं पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। गौर रहे कि 15 मई 2003 के बाद नियमित और नियुक्त कर्मचारियों को इस काले कानून का दंश झेलना पड़ रहा है। 20 से 25 वर्ष सरकारी सेवा करने के बाद नई पेंशन व्यवस्था के तहत रिटायर हो रहे कर्मचारियों को मात्र 500 रुपये से 3000 रुपये तक पैंशन लग रही है जो कि न्याय संगत नहीं है।
इसके अतिरिक्त कोरोना काल के दौरान इस पेंशन व्यवस्था में आने वाले साथी सेवा के दौरान अकाल मृत्यु का ग्रास बन चुके हैं और उनके परिवार एकदम से सड़क पर आ चुके हैं।अतः हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस विषय पर जल्द फैसला लेकर 2009 केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन को जल्द ही लागु कर देना चाहिए ताकि कर्मचारियों व उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके। जिला अध्यक्ष श्री अशोक ठाकुर और जिला महासचिव महेन्द्र भारद्वाज ने संयुक्त बयान में कहा कि कर्मचारी सरकार की रीढ़ की हड्डी ह और हमें आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि वर्तमान सरकार कर्मचारियों की इस जायज मांग पर उचित संज्ञान लेते हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देगी।