हाई कोर्ट द्वारा 118 अवहेलना मामले में राजीव कुमार कौंडल द्वारा दायर याचिका में डीसी सोलन एवं तहसीलदार कसौली को नोटिस जारी हुए। आज माननीय उच्च न्यायालय शिमला द्वारा जस्टिस त्रिलोक चौहान एवं जस्टिस जोशना रेवला दुआ की खंडपीठ ने डीसी सोलन एवं तहसीलदार कसौली एवं अन्य विभागों को नोटिस जारी किए।
बता दें कि मामला 118 की अवहेलना का था। राजीव कुमार कौंडल ने डीसी सोलन, तहसीलदार कसौली पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए और कहा पिछले कई समय से 118 आवेला मामले की शिकायत डीसी सोलन, तहसीलदार कसौली विजिलेंस विभाग एवं इनकम टैक्स बेनामी को दी थी जिसमें विजिलेंस विभाग ने छानबीन के बाद मौजा सनवारा में जगह जो तकरीबन 32 बीघे है जिसमें खरीदने के लिए पैसा दिल्ली के व्यवसाई संजय दत्त एवं चंडीगढ़ के शराब ए कंपनी के मालिक अमित मोदी दोबारा लगाया गया। और जमीन उन्हीं के पास काम करने वाले कर्मचारी अनिल कुमार जो हमीरपुर का रहने वाला है उसके नाम पर वर्क 2006 में ली जो विजिलेंस विभाग ने इसकी जांच करी तब विजिलेंस विभाग ने रिपोर्ट डीसी सोलन को भेजी कि यह बेनामी सौदा है और डीसी सोलन इसमें अथॉरिटी है कार्रवाई करने के लिए डीसी सोलन ने तहसीलदार कसौली की रिपोर्ट मंगाई कई दिनों के बाद तहसीलदार कसौली ने रिपोर्ट दी कि यह बेनामी है।
दूसरी तरफ इनकम टैक्स बेनामी ने छापेमारी कर कर शराब कंपनी में जमीन के कागज बी रिकवर किए और उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह बेनामी सौदा है। डीसी सोलन जोकि इस एक्ट के रक्षक थी वह ही भक्षक बन गई और तहसीलदार कसौली को दोबारा लिखा कि दोबारा रिपोर्ट पेश की जाए! राजीव कुमार कौंडल द्वारा डीसी सोलन एवं तहसीलदार के खिलाफ शिकायत उच्च अधिकारियों को भेजी गई की और सीएम संकल्प हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज करें पर किसी शिकायत पर डीसी सोलन ने कोई भी संज्ञान नहीं लिया।
राजीव का कहना है कि सीएम संकल्प हेल्पलाइन को बंद कर देना चाहिए क्योंकि डीसी सोलन कभी भी उस पर संज्ञान नहीं लेती बल्कि नेताओं के कार्यक्रमों एवं नेताओं के पीछे शिरकत करती रहती है और गरीब जनता को धक्के खाने पड़ते हैं। डीसी सोलन भवन तहसीलदार कसौली द्वारा बेनामी माफिया को बचाने के लिए भ्रष्टाचार हो रहा है। बाद में तहसीलदार कसौली ने अपनी रिपोर्ट बदल दी और शिकायतकर्ता को भी तहसीलदार कसौली द्वारा नहीं सुना गया और उसमें यह कह दिया कि यह बेनामी सौदा नहीं है।
राजीव कुमार कौंडल का यह कहना है की डीसी सोलन एवं तहसीलदार कसौली ने ही बेनामी माफिया की फर्जी कागज बनाने में मदद करी की अनिल कुमार ने वर्ष 2006 में दिल्ली के व्यवसाई एवं चंडीगढ़ के शराब कंपनी के मालिक से लोन लिया था और यह लोन उसने जमीन खरीदने के लिए 16 साल के लिए लिया! जबकि इस कारोबारी को ना ही कोई लोन का लाइसेंस है नाही यह कोई ऑथराइज लोन देने वाली एजेंसी है। धारा 118 में साफ लिखा गया है कि कोई भी भारी राज्य का व्यक्ति जमीन खरीदने के लिए लोन नहीं दे सकता अगर कोई लोन देता है तो वह 118 की अवहेलना मानी जाएगी।
राजीव कुमार कुंडल का यह कहना है कि यह न्याय की जीत है डीसी सोलन एवं तहसीलदार कसौली भू माफिया का साथ दे रहे हैं इनके दफ्तरों में गरीब जनता का कोई भी कार्य नहीं हो रहा 70% से ज्यादा जमीन के सौदे कसौली क्षेत्र में बेनामी है जिनकी मदद तहसीलदार कसौली और डीसी सोलन इन माफियाओं की कर रहे हैं! कौंडल का कहना है कि अगर आज डीसी राकेश कवर होते तो आम जनता को न्याय की उम्मीद होती जिस तरह पहले डीसी राकेश कवर ने 118 के मामले उजागर किए थे और उस भूमि को सरकारी बनाया था उसकी चर्चा आज भी स्थानीय लोगों में है!
स्थानीय जनता में डीसी सोलन एवं तहसीलदार कसौली की भू माफिया की मदद करने के आरोप अक्सर लगते रहते हैं! और और कुंडल का कहना है उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और जो भी अधिकारी इन भूमाफिया के साथ लिपत है उन्हें जनता के सामने बेनकाब करेंगे ताकि भविष्य में कोई अधिकारी ऐसा करने की हिमाकत ना करें!