प्रजासत्ता|धर्मपुर
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के गृह क्षेत्र धर्मपुर में एक एनजीओ द्वारा जाली स्वास्थ्य जाँच कैम्प लगा कर लोगों को गुमराह करने का मामला सामने आया है| कैम्प आयोजित करने वाले लोगों ने स्थानीय लोगों को यह कहकर गुमराह किया कि WHO की एक बहुत बड़ी डॉक्टर इस कैम्प में लोगों के स्वास्थ्य की जाँच करेगी| बीते कल यह कैम्प आयोजित किया गया लेकिन उसके कुछ देर बाद ही पुलिस ने फर्जी महिला डॉक्टर के कारोबार का भांडाफोड किया है।
मिली जानकारी मुताबिक मामला उस समय उजागर हुआ जब यह महिला चिकित्सक व उसके सहयोगी धर्मपुर क्षेत्र में एक स्वास्थय शिविर लगाकर लोगों का इलाज कर रहे थे। दवाइयां लिखने के बाद महिला चिकित्सक अपने खाते में पैसे डालने की बात कर रही थी। दवाइयों की एवज में मोटी रकम ऐंठी जा रही थी। जैसे ही कुछ लोगों को इस बात की भनक लगी उन्होंने इसकी सूचना पुलिस थाना धर्मपुर को दी|
शिकायत मिलने के बाद ने मौके पर पहुंचकर महिला के खिलाफ धर्मपूर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली है व आगामी कार्रवाई शुरू के दी है। अभी तक महिला चिकित्सक अपने कागजात दिखाने में असफल साबित हुई है व पुलिस से कागजात दिखाने की मोहलत मांगी है।
मामले की पुष्टि एसएचओ धर्मपुर राकेश ने की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि महिला शिमला की रहने वाली है। महिला चिकित्सक जिस निजी गाड़ी में आई थी, उसमें हिमाचल सरकार का स्टीकर भी लगा था।
वहीँ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के गृह क्षेत्र इस तरह के मामले को लेकर कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है| कांग्रेस प्रवक्ता रमेश चौहान ने कहा कि इस मामले में जाबली पचायत के पूर्व प्रधान दुनी चाँद धीमान और नानक चंद शाण्डिल को मुख्य अभियुक्त बनाया जाये जबकि महिला डॉक्टर बाद में शामिल हुई उस पर भी कार्रवाई हो| उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है पुलिस इसमें सही जाँच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी| उन्होंने कहा कि इस मामले में भाजपा के अनुसूचित जाती मोर्चा के अध्यक्ष भी शामिल है इसलिए इस मामले को दबाने व जाँच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा सकता है लेकिन अगर ऐसा हुआ तो इसके खिलफ़ कांग्रेस पार्टी आवाज उठाएगी|