सोलन|
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा सर पर मंडरा रहा है| हिमाचल में कोरोना के बढ़ाते मामलो के चलते बंदिशे बढ़ा दी गई है| वहीँ कोरोना से बचाव के लिए नर्सों को जिमेदारी सौंपी गई है| लेकिन उन्होंने ही सरकार और प्रशासन के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है| जिससे हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के गृह जिला में एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराती हुई नजर आ रही हैं|
बता दें कि जिला मुख्यालय के रबोन में स्थित मेकशिफ्ट अस्पताल में सेवाएं दे रही नर्सें वीरवार सुबह से हड़ताल पर जा चुकी हैं| नर्सों की हड़ताल से रबोन के मेकशिफ्ट अस्पताल में कोरोना मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं| वहीं, दूसरी ओर रबोन में चल रहा टीकाकरण अभियान भी प्रभावित हो रहा है|
मेकशिफ्ट अस्पताल में बतौर नर्सों का कहना है कि वे पिछले 3 महीनों से यहां पर अपनी सेवाएं दे रही हैं| मेकशिफ्ट अस्पताल बनने के बाद उन्हें यहां ठेकेदार के माध्यम से रखा गया था| जिस समय उन्हें रखा गया था उस समय उनके मानदेय को लेकर भी बात की गई थी, लेकिन पिछले तीन महीनों से मानदेय पूरा नहीं मिल रहा है और समय पर भी नहीं मिल पा रहा है|
उन्होंने कहा कि मानदेय समय से न मिल पाने के कारण उनकी आर्थिक व्यवस्था पर काफी गहरा असर पड़ रहा है| उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उनकी बातों और गौर करके उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाए|
वहीं, मौके पर पहुंची जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुक्ता रस्तोगी ने बताया कि आज जिस तरह से मेकशिफ्ट अस्पताल रबोन में नर्सों द्वारा हड़ताल की गई है वो सरासर गलत है| उन्होंने बताया कि अगर उन्हें हड़ताल करनी ही थी तो 24 घंटे पहले नोटिस देते| उन्होंने कहा कि आज हुई हड़ताल को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी|