अमित ठाकुर | परवाणू
परवाणू के ओल्ड बैरियर पर पिछले 4 वर्षों से खराब वेब्रिज की मुरम्मत के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा 4 लाख से अधिक की राशि मंजूर की गयी है जबकि नए वेब्रिज की कीमत लगभग 6 से 7 लाख रूपये है| एक ओर जहाँ बाईपास बनने के बाद से 90 प्रतिशत मालवाहक वाहन शहर के बाहर से जाते हैं ऐसे में केवल 10 प्रतिशत वाहनों के लिए इतनी बड़ी राशि विभाग द्वारा व्यय की जा रही है| इतना ही नहीं वेब्रिज पर गाडी चढाने के लिए जो रेम्प तैयार किया गया है उसकी ऊंचाई भी इतनी है की ओवरलोड वाहनों को उसपर चढ़ने में कठिनाई होती है साथ ही वाहन के अनियंत्रित होने से हादसे का खतरा भी बना रहता है|
बता दें की कुछ वर्ष पहले भी ओवरलोड वाहन को वेब्रिज पर लाते समय एक वाहन ब्रेक छूटने के चलते आरटीओ कार्यालय में घुस गया था जिसमे अधिकारी बाल बाल बचे थे ! साथ ही इसकी बनावट के चलते बरसात व् आस पास गिरने वाला सारा पानी ब्रिज में जाता है जिस से अक्सर यह ख़राब ही रहता है कई बार मुरम्मत कराने के कुछ समय बाद यह अक्सर खराब हो जाता है !
बाईपास के बनने से मालवाहक वाहनों की आवाजाही यहाँ न के बराबर है ऐसे में इतने पैसे में इसे यहाँ से बाईपास पर लगाया जा सकता है जहाँ इसके लिए पर्याप्त व् उचित स्थान उपलब्ध है ! परवाणू ओल्ड बैरियर पर जहाँ विभाग की टैक्स कलेक्शन 10 से 15 हजार है वहीँ बाईपास पर कलेक्शन औसतन 80 हजार से एक लाख तथा सप्ताहांत में यह कलेक्शन डेढ़ लाख से भी ऊपर पहुंच जाती है ! ऐसे में विभाग को इस और ध्यान देना चाहिए की इस की आवश्यकता कहाँ अधिक है !
इस सम्बन्ध में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ज्ञान सिंह ने बताया की इसकी मुरम्मत के लिए सरकार द्वारा काफी समय से टेंडर लगाए गए थे , परन्तु कोरोना काल के चलते काम नहीं कराया जा सका ! उन्होंने बताया की इस कार्य के लिए सरकार द्वारा लगभग 3 लाख से अधिक राशि मंजूर की गयी थी परन्तु काम खुलने के बाद इसमें अतरिक्त कार्य होने के चलते वेब्रिज कंपनी ने अतरिक्त राशि की मांग की थी जिसकी मंजूरी में विलम्ब के चलते कार्य में देरी हुई ! कंपनी द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है तथा इसे पानी से बचाने के लिए इसके किनारों को ऊंचा उठाया जायेगा ताकि इसमें पानी प्रवेश न कर सके !