ओम शर्मा। बीबीएन
Solan News: केंद्रीय श्रम यूनियनों, किसान व मजदूरों द्वारा किये गए भारत बंद (Bharat Bandh Today) का प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन पर मिलाजुला असर रहा। जहां कुछ उद्योग बंद दिखे वहीं चल रहे उद्योगों को ट्रेड यूनियन नेताओं ने बंद करवाया। इंटक प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बावा, मीडिया प्रभारी ओम शर्मा, यूथ इंटक अध्यक्ष जसविंदर चौहान, इंटक जिलाध्यक्ष श्याम ठाकुर, प्रदेश सचिव राजन गोयल, जिला सचिव विजय कुमार, अभिषेक, एटक जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा, किशोर ठाकुर, जसमेर सिंह, सीटू के ओम दत्त, प्रेम गौतम की अगुवाई में सैंकड़ों कामगारों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी करते हुए रोष रैली निकाली।
इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बावा ने अपने संबोधन में कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह पूँजीपतियों के साथ खड़ी हो गयी है व आर्थिक संसाधनों को आम जनता से छीनकर अमीरों के हवाले करने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के नारे की आड़ में मजदूर विरोधी लेबर कोडों को थोपने, बारह घण्टे की डयूटी, फिक्स टर्म व मल्टी टास्क रोज़गार लागू करने, हड़ताल पर अघोषित प्रतिबंध लगाने व सामाजिक सुरक्षा को खत्म करने की नीति पर आगे बढ़कर यह सरकार इंडिया ऑन सेल, बंधुआ मजदूरी व गुलामी की थियोरी को लागू कर रही है।
यूथ इंटक अध्यक्ष जसविंदर चौहान ने कहा के मजदूरों का हक मारते हुए बनाये गए 4 लेबर कोड व अन्य कानूनों से केवल पूंजीपतियों,उद्योगपतियों व कॉरपोरेट घरानों को फायदा होने वाला है व गरीब और ज़्यादा गरीब होगा।
एटक के जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा ने कहा के मोदी सरकार किसानों की कर्जा मुक्ति, फसलों व सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने व स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने के बजाए किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है।
इंटक के प्रदेश प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी ओम शर्मा ने कहा के मोदी की गारंटी, अच्छे दिन का वायदा करने वाली गरीब हितेषी का दम भरने वाली मोदी सरकार गरीबों को खत्म करने पर आमदा है। मजदूरों के 26 हज़ार रुपये न्यूनतम वेतन की मांग ज्यों की त्यों खड़ी है। आम भारतीय की आय पचास प्रतिशत से अधिक बढ़ने का दावा करने वाली मोदी सरकार को आईएलओ ने बेनकाब कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन आईएलओ ने हालिया जारी आंकड़ों में स्पष्ट किया है कि भारत के करोड़ों मजदूरों का वास्तविक वेतन महंगाई व अन्य खर्चों के मध्यनज़र घटा है। यह सरकार जनता को मूर्ख बनाने का कार्य कर रही है। सीटू के ओम दत्त व प्रेम गौतम ने कहा के महिला सशक्तिकरण व नारी उत्थान के नारे देने वाली केंद्र सरकार ने गरीबों व महिलाओं को हालिया अंतरिम बजट में आर्थिक तौर पर कमज़ोर किया है।
सरकार ने मनरेगा के बजट में भारी उदासीनता दिखाई है। केंद्र सरकार ने पिछले पांच वर्षों में आंगनबाड़ी कर्मियों के वेतन में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं की है। पिछले पंद्रह वर्षों में मिड डे मील कर्मियों के वेतन में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं की गयी है।
श्याम ठाकुर व राजन गोयल ने कहा के मजदूरों व कर्मचारियों के लिए खजाना खाली होने का रोना रोने वाली केन्द्र सरकार ने पूंजीपतियों से लाखों करोड़ रुपये के बकाया टैक्स को वसूलने पर एक शब्द तक नहीं बोला है। इसके विपरीत पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटा दिया गया है। टैक्स चोरी करने वाले पूंजीपतियों को सरकार ने पिछले पांच वर्षों में लगातार संरक्षण दिया है।
भारत बंद (Bharat Bandh Today )आंदोलन में बीबीएन के सैंकड़ों मजदूरों ने हनुमान चौक से झाड़माजरी तक प्रदर्शन करते हुए रोष रैली निकाली। इस दौरान रास्ते में जो उद्योग चलते दिखाई दिए गए उन्हें यूनियन लीडरों व कामगारों ने बंद करवाया। संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने 2 टूक कहा के अगर कामगार विरोधी कानून वापिस नहीं हुए तो दोवारा फिर सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। जब तक 4 लेबर कोड और मजदूर विरोधी कानून वापिस नहीं होते तब तक ट्रेड यूनियनें चुप्प नहीं बैठेंगी।
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