बीबीएन। 18 सितम्बर
बिरला नाम संस्कार का प्रतीक था, क्योंकि देश में आजादी के बाद टाटा और बिरला दो कम्पनियों ने देश को बहुत कुछ दिया। लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में स्थापित Birla Textile कंपनी के संस्कारों को धूमिल करने में लगी है। कभी देश को बहुत कुछ देने वाली यह कंपनी अब पर्यावरण, समाज और लोगों की दुश्मन बन गई है। बिरला टेक्सटाइल बद्दी का प्रबंधन वर्ग न जाने क्यों ऐसी हरकतें कर रहा है जिससे पर्यावरण और लोगों को नुकसान हो।
सीईटीपी केंदुवाला से कनेक्ट होने के बाबजूद भी Birla Textile उद्योग यूनिट-2 द्वारा टैंकरों से गन्दा पानी बाहर भेजा जा रहा है। वहीं जो टैंकर ठेकेदार द्वारा उद्योग से निकलने वाले गंदे केमिकल युक्त पानी को आईपीएच की सीवरेज लाइन में डिस्चार्ज कर रहा है। यह सीवरेज लाईन नीचे जाकर बाल्द नदी में गिर रही है और नदी के पानी को दूषित कर रही है।
बाल्द नदी क्षेत्र की जीवनदायिनी नदी है जिसके पानी को प्रवासी कपड़े धोने के लिए, किसान के पशु पानी पीने के लिए ओर कुछ नदी किनारे के किसान इस पानी को सिंचाई के लिए भी प्रयोग करते हैं। ऐसे में Birla Textile उद्योग से निकलने वाले टैंकरों द्वारा बाल्द नदी में जहर घोला जा रहा है जो पर्यावरण, किसानों और लोगों के लिए जानलेवा है।
Birla Textile उद्योग में सुबह 6 बजे टैंकर घुसते हैं और 9 बजे तक हजारों लीटर गंदा पानी बाहर डिस्चार्ज करते है। जब मीडिया टीम को इसकी सूचना मिली तो टीम ने एक ऑपेरशन किया जिससे बिरला टेक्सटाईल की काली करतूत से पर्दा उठ गया।
सूचना के बाद प्रदूषण विभाग बद्दी के एसडीओ ने जब उस स्थान का दौरा किया जहां टैंकर खाली हो रहे थे तो उनके भी होश उड़ गए। गलत तरीक़े से पाइप को सीवरेज लाइन से जोड़ा गया था और वह सीवरेज लाइन सीधे बाल्द नदी में जा रही थी। मौके का निरीक्षण करने के बाद विभाग की टीम ने उद्योग का भी दौरा किया।
उधर प्रदूषण विभाग ने मामले की जांच शुरू करते हुए Birla Textile को नोटिस भी जारी कर दिया है। जांच के उपरांत क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है यह जल्द साफ हो जाएगा।
सीपीएस नियुक्ति मामला: हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 3 अक्टूबर के लिए निर्धारित की
Cement Rate Increased in Himachal: हिमाचल में सीमेंट बैग पर चार रुपए टैक्स बढ़ोतरी
Parliament Special Session 2023: 8 विधेयक लिस्टेड, जानें इस बार क्या है खास?