सोलन।
आज सोलन के बसाल में अवस्थित विवेकानन्द पुस्कालय में डॉ. आशा कौंडल द्वारा लिखित आलोचनात्मक पुस्तक ‘डॉ.रामविलास शर्मा की आलोचना दृष्टि’ का प्रोफ़ेसर रामनाथ मेहता जी के कर कमलों द्वारा विमोचन किया गया। इस आलोचनात्मक पुस्तक में डॉ.आशा कौंडल ने डॉ. रामविलास शर्मा के साहित्य स्वरूप विषयक आलोचना, साहित्य सरोकार विषयक आलोचना, साहित्य के सूक्ष्म तत्वों एवं साहित्य शिल्प विषयक आलोचना दृष्टि को उजागर करने का उपक्रम किया है।
डॉ. रामविलास शर्मा मार्क्सवादी विचारधारा के अनन्य प्रवक्ता, हिन्दी के प्रगतिशील समालोचक और भारतीय दृष्टि से समर्थ व्याख्याकार, साहित्य आलोचक रहे हैं। उन्होंने भाषा, राजनीति, संस्कृति, समाजशास्त्र, इतिहास, कला और दर्शन तथा साहित्य के अन्य अनुशासनों पर भी विपुल लेखन किया है। वह हिन्दी साहित्य के ही नहीं सम्पूर्ण भारतीय साहित्य और उसके इतिहास के मूल्यांकन के भी समर्थ व्याख्याकार रहे हैं।
प्रोफ़ेसर रामनाथ मेहता हिन्दी साहित्य के लेखक, कवि, आलोचक एवं बहुचर्चित व्यक्तित्व हैं और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सांध्यकालीन अध्ययन केंद्र शिमला से प्रोफ़ेसर हिन्दी विभाग से सेवानिवृत हुए हैं। इस सुअवसर पर श्रीमती तृप्ता मेहता, डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, डॉ. जगदीश कैंथला, डॉ. अंजू बाला, डॉ. आशा कौंडल, डॉ. तारा और श्री टेक चंद उपस्थित रहे। पुस्तक मनीष पब्लिकेशन्स दिल्ली से प्रकाशित हुई है । इस सृजनात्मक उपलब्धि के लिए प्रोफ़ेसर रामनाथ मेहता जी ने डॉ.आशा शर्मा को बधाई दी और अपना आशीर्वाद प्रदान कर उज्ज्वल भविष्य के लिए मंगलकामनाएं भी प्रदान दी।