सोलन। आज सोलन के बसाल में अवस्थित विवेकानन्द पुस्कालय में डॉ. तारा की पुस्तक ‘ जैनेन्द्र कुमार का साहित्यिक चिंतन’ का प्रोफ़ेसर रामनाथ मेहता जी के कर कमलों द्वारा विमोचन किया गया। इस आलोचनात्मक पुस्तक में डॉ. तारा ने जैनेन्द्र कुमार के साहित्यिक चिंतन को मनोविश्लेषणात्मक साहित्यिक चिंतन के परिप्रेक्ष्य में उजागर करने की चेष्टा की है।
जैनेन्द्र कुमार हिन्दी साहित्य के एक ऐसे विरल एवं विदग्ध रचनाकार रहे हैं, जिन्होंने भाषा और साहित्य को अपनी मौलिकता, सहजता व दार्शनिकता से सभी गद्य विधाओं को समृद्ध किया है।इनके लेखन कला की अद्भुत विशिष्टता है मनोवैज्ञानिक, चिंतन, मनोदशा और नारी शक्ति का सूक्ष्मतम परीक्षण–निरीक्षण कर बड़े ही कुशलता पूर्वक अपने लेखन को एक नवीन दिशा प्रदान की है।
प्रोफ़ेसर रामनाथ मेहता हिन्दी साहित्य के लेखक, कवि, आलोचक एवं बहुचर्चित व्यक्तित्व हैं और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सांध्यकालीन अध्ययन केंद्र शिमला से प्रोफ़ेसर हिन्दी विभाग से सेवानिवृत हुए हैं। इस सुअवसर पर तृप्ता मेहता, डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, डॉ. जगदीश कैंथला, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. आशा कौंडल और टेक चंद उपस्थित रहे। पुस्तक मनीष पब्लिकेशन्स दिल्ली से प्रकाशित हुई है। इस सृजनात्मक उपलब्धि के लिए प्रोफ़ेसर रामनाथ मेहता जी ने डॉ. तारा को बधाई दी और अपना आशीर्वाद प्रदान कर उज्ज्वल भविष्य के लिए मंगलकामनाएं भी प्रदान दी।