Solan News: कसौली तहसील की ग्राम पंचायत जंगेशु के ठारूगढ़ में राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में महिला एवं बाल विकास विभाग सोलन द्वारा बाल विकास परियोजना धर्मपुर के सौजन्य से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने समाज में बेटियों के महत्व और उनके सशक्तिकरण का संदेश देते हुए सभी का ध्यान आकर्षित किया।
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए प्रमुख अतिथि के रूप में आकांक्षा डोगरा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोलन उपस्थित रही। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियों के माध्यम से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। खासतौर पर नन्हे बच्चों की प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया।
बेटियों के अधिकारों की प्रतिज्ञा और सम्मान
इस विशेष अवसर पर उपस्थित सभी ने बेटियों के अधिकारों की रक्षा और सशक्तिकरण के प्रति संकल्प लिया। इसके साथ ही, नन्ही बच्चियों का जन्मोत्सव भी धूमधाम से मनाया गया, जिन्हें मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा विशेष तौर पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर आधारित सेल्फी पॉइंट पर बेटियों सहित सेल्फी लेने पहुंचे बेटियों और उनके पिता को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बेटियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। दसवीं और बारहवीं कक्षा में शानदार परिणाम प्राप्त करने वाली सिमरन, चांदनी, तृषा, दिव्यांशी और आरुषि को ₹1000 की सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। साथ ही, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को उनके समर्पण और मेहनत के लिए सराहा गया।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर
मुख्य अतिथि आकांक्षा डोगरा (Akanksha Dogra) ने अपने संबोधन में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “महिलाओं का शिक्षण और संस्कार बच्चों के भविष्य की नींव रखते हैं। हमें लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करना होगा और महिलाओं को समाज में उनके अधिकार दिलाने होंगे। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज की नींव होती हैं और उनका सशक्तिकरण पूरे समाज के लिए जरूरी है”।
आकांक्षा डोगरा ने लिंग जांच के खिलाफ कड़े कानूनों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कड़े कानूनों के बावजूद भी यह प्रथा कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष रूप समाज में चल रहती है, लेकिन लोगों को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटियों को सशक्त बनाने के लिए माता पिता की बराबर जिम्मेदारी है। उन्होंने महिला सुरक्षा और कानून से जुड़े अन्य विषयों पर महिलाओं का मार्गदर्शन किया।
वहीँ सीडीपीओ रक्षा शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य बेटियों के लिए एक ऐसा समाज बनाना है, जहां वे सुरक्षित, सशक्त और सम्मानित महसूस करें। इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम समाज को बेटियों के महत्व का एहसास दिला सकते हैं। हमें आशा है कि एक दिन ऐसा आएगा जब हमें इस तरह के कार्यक्रमों की जरूरत नहीं पड़ेगी और हमारे समाज में बेटियां सुरक्षित होकर आगे बढ़ेंगी और उच्च शिक्षा प्राप्त कर समाज में सम्मानजनक स्थान हासिल करेंगी।”
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सहायक मनोज शर्मा, सुपरवाइजर विकास भारद्वाज, वृत पर्यवेक्षक सुनीता कश्यप, ललिता ठाकुर, वृति गोयला और विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों से आईं सहायिकाएं एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के अंत में सभी ने बेटियों के अधिकारों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया।
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