Kasauli: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित जंगेशु पंचायत का ठारूगढ़ गांव आज पूरे क्षेत्र में आदर्श गांव के रूप में जाना जाता है। एक समय यह गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित था, लेकिन समाजसेवी सुंदर लाल के अथक प्रयासों और दूरदृष्टि ने इसे एक नई पहचान दी है। औद्योगिक क्षेत्र परवाणू और पर्यटक नगरी कसौली से सटे इस गांव की बदलती तस्वीर आज न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
पहले कैसा था ठारूगढ़ गांव.?
सुन्दरलाल बतातें है कि साल 1970 के आसपास उनके परिवार ने इस गाँव में रहना शुरू किया था। कुछ वर्ष पहले तक ठारूगढ़ गांव की स्थिति बहुत खराब थी। मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए गांववासियों को 2-3 किलोमीटर तक पैदल सफर करना पड़ता था। गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। संसाधन भी कम थे जिसके चलते ग्रामीण जीवन कठिन था।
सुंदर लाल का योगदान
गांव के निवासी सुंदर लाल, जो पेशे से एक समाजसेवक और पत्रकार हैं, ने इस स्थिति को बदलने की ठानी। उनकी प्रेरणादायक सोच और प्रयासों ने गांव की तस्वीर को बदल दिया। सुन्दरलाल आगे बताते है कि साल 1996 में उन्होंने अपने एक जानकर डॉ. अरुण सूद, जो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में निदेशक रहे, के घर दिल्ली जाने का मौका मिला। जहाँ उन्होंने अपने घर की छत्त पर बने गार्डन को दिखाया। उन्होंने बताया कि इस बदलाव के लिए डॉ. अरुण सूद के सुझाव, और अनुभवों से प्रेरणा से मिली।
उसी प्रेरणा से उन्होंने ठारूगढ़ को आदर्श गांव बनाने की योजना बनाई। इसके बाद उन्होंने मौसम आधारित पौधों को उगाने से इस सफर की शुरुवात की। हालांकि गाँव में सड़क सुविधा न होने से इस गाँव को संवार पाना मुश्किल था। ऐसे में उन्होंने गाँव तक सड़क पहुँचाने की ठानी हालांकि इसके लिए उन्हें स्थानीय लोगों के साथ कोर्ट में केस भी लड़ना पड़ा लेकिन अंत में गाँव के लिए सड़क निकालने पर समझौता हुआ और साल 2004 में गाँव में पहली बार सड़क पहुंची।
बस फिर क्या था इसके बाद ठारूगढ़ गाँव की तस्वीर बदलने के लिए उन्होंने अपने प्रयास और बढ़ा दिए। साल 2012-13 में पहली बार इस सड़क को पक्की करने का कार्य शुरू हुआ। सुन्दर लाल बतातें है कि इस तरह के बदलाव लाने के लिए बहुत बड़े आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है। जिसे केवल सरकार ही उठा सकती है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि एक छोटे से गाँव के लिए एक साथ इतनी सुविधाएँ मिल पाना मुश्किल है लेकिन वह लगतार प्रयास करते रहते है।
उन्होंने बताया कि वह सरकार के अलग-अलग विभागों और और योजनाओं से गाँव के विकास के लिए धनराशी प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। जिसके लिए उन्हें भागदौड भी करनी पड़ती है। सुन्दर लाल अपने गाँव ही नहीं बल्कि आसपास के गांव के लोगों के लिए सरकारी योजनाओ और विभागों से लाभ दिलवाने के लिए भरपूर प्रयास करते हैं।
मसूलखाना से ठारूगढ़ तक की सड़क
पट्टा-परवाणू और कसौली को जोड़ती मुख्य सड़क पर मसूलखाना से इस गाँव को जाने वाली इस लिंक रोड शुरू होकर ठारूगढ़ गांव तक जाती है। यह पूरी सड़क पक्की और टाइल व मेटलिंग से बनी है। सड़क के किनारे साइन बोर्ड और पैराफिट बनाए गए हैं, जो इसे आकर्षक बनाते हैं। जैसे जैसे आप गाँव की तरफ बढ़ते हैं, स्वच्छता और सुन्दर परिवेश आपका मन मोहने लगते हैं।
बता दें कि इस सड़क पर सफर करते हुए आपको चारों तरफ हरियाली और स्वच्छता का एहसास होगा। सड़क के किनारे बरसात के पानी के लिए उत्कृष्ट निकासी की व्यवस्था की गई है। सड़क के किनारे पानी के हैंडपंप और सार्वजनिक उपयोग की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
मोक्षधाम का निर्माण
गांव के प्रवेश द्वार से लगभग 500 मीटर पहले, मोक्षधाम का निर्माण सुंदर लाल के प्रयासों से हुआ। यह मोक्षधाम स्वच्छता और सुंदरता का प्रतीक है। यहां आसपास हरियाली, बैठने की व्यवस्था और चारों तरफ का शांत वातावरण इसे विशेष बनाते हैं। मोक्षधाम में सम्पूर्ण व्यवस्थाओं और पौधारोपण की पहल भी की गई है, जो इसे पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है।
शिव मंदिर और पौराणिक पिंडी
गांव में स्थित शिव मंदिर ठारूगढ़ की आध्यात्मिक पहचान है। इस मंदिर में पौराणिक पिंडी की खोज हुई है, जिसे गांववासी विशेष श्रद्धा के साथ पूजते हैं। यह मंदिर आराधना और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है। सुंदर लाल ने इस मंदिर को संरक्षित करने और इसके आसपास स्वच्छता और हरियाली सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए।
गांव में सामुदायिक विकास की पहल
गाँव में सामुदायिक भवन और खेल सुविधा के लिए एक मैदान का निर्माण भी करवाया है, जहां वॉलीबॉल और बैडमिंटन की खेलने की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा एक इनडोर जिम भी है जहाँ युवाओं और बच्चों के नशे से दूर रखने के उदेश्य से सभी को मुफ्त सुविधा है। इसके अलावा सड़क पर मुख्य स्थानों पर सोलर लाइट की व्यवस्था की गई है।
जल संरक्षण का प्रयास
गाँव में प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण किया गया है। वर्षा जल स्टोर टैंकों का निर्माण करवाया गया है। इसके अलावा, गांव के आसपास तीन कच्ची जोहड़ियों का निर्माण भी किया गया है, जो जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन जोहड़ियों से न केवल पानी के स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि इससे कृषि कार्यों को भी बढ़ावा मिला है।
ऑर्गेनिक खेती और बागवानी
सुंदर लाल ने गांव में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया। गांव में 100 से अधिक औषधीय पौधों जैसे अर्जुन, आंवला, हरड़, सफेद चंदन, और रुद्राक्ष की खेती की जा रही है। इसके अलावा, यहां आम और नींबू की कई प्रजातियां उगाई जा रही हैं। इसके अलावा सुन्दर लाल ने अपने घर के आसपास सुन्दर गार्डन बना रखा है। जिसमे गुलाब की 40 किस्मों के अलावा कई तरह के फूलों की किस्में देखने को मिलती है।
उल्लेखनीय है कि हर साल महिला मंडल और युवक मंडल के नेतृत्व में पौधारोपण अभियान चलाया जाता है। इसमें गुलमोहर, लेमन ग्रास, और बोतल पाम जैसे पौधों के अलावा कई तरह औषधिय पौधे लगाए जाते हैं।
शानदार स्वच्छता अभियान
गांव की सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए सुंदर लाल हर सुबह से झाड़ू लेकर सफाई अभियान पर निकल जाते हैं और लगभग एक किलोमीटर तक और कभी कभी इससे अधिक तक सफाई करना इन्होने अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। इसके अलावा सड़क के किनारे साइन बोर्ड और अन्य सूचना चिह्न लगाए गए हैं, जो स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं।
ठारूगढ़ की ऐतिहासिक धरोहर
गांव की ऐतिहासिक धरोहरों में ठारूगढ़ 1000 साल पुराना प्राचीन किला है जिसमे जेल के खंडहर भी शामिल हैं। यह स्थल गोरखा रियासत के गौरवशाली अतीत की याद दिलाते हैं। सुन्दरलाल बताते है कि चन्द्र नामक किसी राजा ने इसका निर्माण करवाया था, हालांकि अब यह खंडर बन चूका है।
सुंदर लाल का संदेश
सुंदर लाल का मानना है कि सामूहिक प्रयास और सही दिशा में की गई मेहनत से किसी भी स्थान को आदर्श बनाया जा सकता है। उनके शब्दों में, “गांव का विकास तभी संभव है जब हर व्यक्ति इसमें अपनी भूमिका निभाए। स्वच्छता, हरियाली और सामूहिक प्रयास ही गांव की असली ताकत हैं।”सुंदर लाल के अथक प्रयासों और सामुदायिक भागीदारी से ठारूगढ़ गांव ने न केवल अपनी पुरानी छवि को बदल दिया है, बल्कि यह आदर्श गांव के रूप में स्थापित हो चुका है। यह कहानी हर उस गांव के लिए प्रेरणा है जो विकास और स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाना चाहता है। ठारूगढ़ का विकास यह दर्शाता है कि जब एक व्यक्ति सच्चे मन से पहल करता है, तो पूरा समाज उस बदलाव का हिस्सा बन जाता है।
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