प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भारतीय दिग्गज जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा नया इतिहास रच दिया है। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप कई भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है जिसमें सबसे सबसे ऊपर नाम नीरज चोपड़ा का है जिन्होंने सीधे गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने पाकिस्तान के एथलीट नदीम को मात देकर इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से लिखवा लिया है।
रविवार को बुडापेस्ट में आयोजित हो रही विश्व चैम्पियनशिप में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीतकर भारतीयों को गौरवान्वित होने का एक और मौका दिया है। नीरज चोपड़ा एक ही समय में ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाले अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए। बता दें कि बिंद्रा ने 23 वर्ष की उम्र में विश्व चैम्पियनशिप और 25 की उम्र में ओलंपिक स्वर्ण जीता था।
भारत का एथलेटिक्स जो लंबे अर्से से अपने अस्तित्व को ढूंढ रहा था उसे ऐसा सितारा मिला जिसने पूरी दुनिया में भारत के नाम का लोहा मनवाया और हर स्पर्धा में गोल्ड मेडल से नीचे तक कोई स्थान हासिल नहीं किया है। नीरज चोपड़ा ही हर उपलब्धि और हर जीत में पूरा देश उनकी कामयाबी की चकाचौंध में डूब गया है।
Olympic and World Champion Neeraj Chopra
जीत के पल को बयां करते हुए नीरज चोपड़ा ने कहा, “मेरी आंखों से आंसू तो नहीं आए, मेरे अंकल और दोस्त थे वहां तो उनके आंसू छल्के। मुझे लगा की मैं इमोशनल हो जाऊंगा लेकिन, मेरे आंसू नहीं आए। आगे देखते हैं हालांकि मैं इमोशन थोड़ा सा कन्ट्रोल कर लेता हूं. ये उत्साह का मौका होता है और जोश बहुत ज्यादा होता है और इसलिए आंसू आ जाते है. आगे अच्छा थ्रो करूंगा और फिर सब साथ रोयेंगे।
खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा
हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा आज भारत के महानतम खिलाड़ियों की सूची में शामिल है। उनका खेल का सफर बेहद गौरवमई रहा है। नीरज चोपड़ा ने अपना वजन कम करने के लिए खेलना शुरू किया था मगर कोई नहीं जानता था कि ये लड़का इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कर लेगा और भारत को गौरव दिया है। नीरज चोपड़ा ने हर कदम पर नई विजयगाथा लिखी है।
दो वर्ष पहले टोक्यो ओलंपिक खेलों में ओलंपिक ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने महज 23 वर्ष की उम्र में पहला गोल्ड मेडल भारत को दिलाया था। पिछले दो साल में हर टूर्नामेंट में उन्होंने 86 मीटर से ऊपर का थ्रो फेंका है। पिछले साल जून में स्टॉकहोम डायमंड लीग में उन्होंने 89 . 94 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया था।