स्पोर्ट्स डेस्क |
Sports News: भारत ने न्यूजीलैंड को धर्मशाला में 4 विकेट से हरा दिया। टीम इंडिया की जीत में विराट कोहली और मोहम्मद शमी की अहम भूमिका रही। कोहली ने 95 रन बनाए और शमी ने 5 विकेट झटके। वर्ल्ड कप में 20 साल बाद न्यूजीलैंड पर मिली 4 विकेट की जीत के बाद मोहम्मद शमी भारतीय टीम की तरफ से प्रेस कांफ्रेंस करने आए थे। इस दौरान मोहम्मद शमी ने कहा है कि भारत हार जाता तो लोग आलोचना करते। हमने न्यूजीलैंड को हरा दिया, तो जीत का क्रेडिट ओस को दिया जा रहा है।
दरअसल प्रेस कांफ्रेंस दौरान एक पत्रकार ने पूछा कि क्या ओस की वजह से भारत को बल्लेबाजी में फायदा मिला? जवाब में मोहम्मद शमी ने कहा कि अगर भारत हार जाता, तो आप लोग सवाल खड़े करते। अब हम जीत गए हैं, तो हमारी जीत को छोटा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। लोग बड़ी आसानी से अपना नजरिया बदल लेते हैं। मुझे अब इसकी आदत हो गई है।
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इसके बाद मोहम्मद शमी से पूछा गया कि आपको वर्ल्ड कप के 4 मैच में बेंच पर बैठना पड़ा। जवाब में मोहम्मद शमी ने कहा है कि अगर भारत जीत रहा है, तो मुझे बेंच पर बैठने में कोई दिक्कत नहीं! मोहम्मद शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 10 ओवर में 54 रन देकर 5 विकेट चटकाए। कीवी टीम 273 पर ऑलआउट हो गई और भारत 4 विकेट से मैच जीत गया। मोहम्मद शमी वर्ल्ड कप इतिहास में भारत के लिए 2 बार 5 विकेट चटकाने वाले पहले गेंदबाज बन गए। इससे पहले मोहम्मद शमी ने 2019 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 10 ओवर में 69 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे।
वापसी के बाद पहली गेंद पर विकेट चटकाने वाले मोहम्मद शमी ने कहा है कि अगर आप दूसरों की सफलता से खुश होते हैं, तो आपको भी जीवन में अच्छे परिणाम मिलेंगे। मैं 4 मैच बेंच पर बैठकर भारतीय खिलाड़ियों को अच्छा परफॉर्म करते हुए देख रहा था। मुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं था। मैं एक टीम मैन हूं और मेरे लिए भारत की जीत पहले आती है। इस वर्ल्ड कप में अपने पहले मैच में ही मैन ऑफ द मैच का खिताब जीतने से खुश हूं। मुझे जब भी मौका मिलेगा, टीम की जीत में योगदान करना चाहूंगा। हर हाल में मेरे लिए भारत की जीत मायने रखती है।
इसके बाद मोहम्मद शमी से एक दूसरे पत्रकार ने पूछा कि धर्मशाला की विकेट पर ट्रेंट बोल्ट, लॉकी फर्ग्यूसन और मैट हेनरी को ज्यादा बेहतर बॉलिंग अटैक माना जा रहा था। जवाब में मोहम्मद शमी ने मुस्कुराते हुए कहा कि आपने खुद देख लिया, बेहतर कौन है? मोहम्मद शमी ने बताया कि आखिर धर्मशाला की बेजान पिच पर उन्होंने सफलता कैसे हासिल की? शमी ने कहा, मैंने अपना पूरा ध्यान लाइन और लेंथ पर लगा रखा था। इस तरह की पिच पर यही सबसे कारगर साबित होता है। मैंने अपना टप्पा पकड़कर रखा और उसका मुझे खूब फायदा मिला।