Vinesh Phogat Wrestling: मंगलवार को पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat ) ने 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में शानदार प्रदर्शन किया। फोगाट ने प्रीक्वार्टर फाइनल में पिछले ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता जापान की युई सुसाकी को हराकर सबको चौंका दिया। इसके बाद, क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन की ओकसाना लिवाच को भी मात दी, जिससे यह तय हो गया कि फोगाट इस बार मेडल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
Vinesh Phogat ने यूस्नेलिस गुजमैन लोपेज को हराया
सेमीफाइनल में, विनेश का सामना क्यूबा की यूस्नेलिस गुजमैन लोपेज से हुआ। फोगाट ने इस मुकाबले में भी अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया और लोपेज को 5-0 से हराते हुए फाइनल का टिकट पक्का कर लिया। अब फाइनल में उनका मुकाबला अमेरिकी पहलवान सारा हिल्डेब्रांट से होगा। इस तरह से विनेश फोगाट के खाते में सिल्वर मेडल तो पक्का हो गया है, लेकिन फाइनल में उनकी जीत भारत को ओलंपिक खेलों में पहला स्वर्ण पदक दिला सकती है।
VINESH PHOGAT IS INTO THE FINAL, WILL FIGHT FOR GOLD!
No Indian female athlete has won an Olympic gold before.#Paris2024 pic.twitter.com/uJoTc4FfI8
— Susan Ninan (@ninansusan) August 6, 2024
Vinesh Phogat की जीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Vinesh Phogat’s victory video goes viral on social media)
सेमीफाइनल में फोगाट(Vinesh Phogat) की जीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, और नेटिजेंस उनकी जमकर सराहना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि कुछ महीने पहले सड़कों पर आंदोलन कर रही थीं, और अब ओलंपिक में पोडियम पर नजर आने वाली हैं। भारत की किसी भी महिला एथलीट ने आज तक ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक नहीं जीता है। अगर विनेश फोगाट फाइनल में जीत जाती हैं, तो यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
ज़माना झुकता है ,
बस झुकाने का जुनून होना चाहिए @Phogat_Vinesh 👏🏽🇮🇳🙏#vineshphogat pic.twitter.com/2YXLGCusKm— geeta phogat (@geeta_phogat) August 6, 2024
हरियाणा की छोरी ने अपने सपने को किया पूरा
विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गांव में हुआ था।विनेश ने बेहद छोटी उम्र में ही कुश्ती की ओर कदम बढ़ाया और अपने खेल की दिशा में पहली ठानी। उनके करियर की यात्रा अब तक शानदार रही है, लेकिन उनके संघर्ष की कहानी कम ही लोगों को पता है।
विनेश का जीवन कई कठिनाइयों से भरा रहा। जब वे केवल 9 साल की थीं, उनके पिता राजपाल सिंह फोगाट का कैंसर के कारण निधन हो गया। पिता की मौत के शोक से विनेश उबर ही रही थीं कि उनकी मां प्रेमलता को भी कैंसर का सामना करना पड़ा। इन सभी परेशानियों और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, विनेश ने पहलवान बनने का सपना नहीं छोड़ा। उन्होंने महावीर सिंह फोगाट की देखरेख में अपनी ट्रेनिंग शुरू की और अपने सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया।
Vinesh Phogat ने इंटरनेशनल लेवल पर जीते कई खिताब
विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने इंटरनेशनल लेवल पर भी कई खिताब जीते हैं। उन्होंने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना पहला बड़ा इंटरनेशनल खिताब जीता था। इसके बाद से लेकर अभी तक वो 3 कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडल, एक एशियन गेम्स का गोल्ड, 2 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल, एक गोल्ड और 3 सिल्वर समेत एशियन चैंपियनशिप में 8 मेडल जीत चुकी हैं।
रियो ओलिंपिक 2016 के क्वार्टर फाइनल में उनके घुटने में चोट लग गई थी, जिस वजह से बाहर हो गई थी। इस चोट से उभरने में काफी समय लग गया था। 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड जीतकर अपनी वापसी को और ज्यादा यादगार बना दिया था। इसे बाद उन्होंने एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था।
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