Protect Your Business From Cyber Fraud: दुनियाभर में ऑनलाइन बैंकिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है, वैसे-वैसे ऑनलाइन सिक्योरिटी को लेकर चिंता भी बढ़ती जा रही है। हर दिन करोड़ों लोग डिजिटल तरीके से लेन-देन करते हैं। बाहर की भीड़भाड़ से बचने और अपना समय बचाने के लिए ज्यादातर लोग ऑनलाइन ही काम निपटा लेते हैं। एक तरफ जहां डिजिटलाइजेशन की वजह से लोगों जिंदगी काफी आसान बन गई है, वहीं फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
हर साल हजारों लोग इस तरह के फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। हालांकि ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों को रोकने के लिए सरकार भी कई सख्त कदम उठा रही है, लेकिन साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। लेकिन कुछ तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप ऑनलाइन फ्रॉड से बच सकते हैं।
आज एथिकल हैकिंग, डीप फेंक टेक्नोलॉजी (Deep fake technology) जैसी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो साइबर क्राइम तकनीकी विकास से एक कदम आगे निकल चुका है।
आपकी ही इनफार्मेशन चुराकर हैकर्स आपको ही कई तरह के नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में यदि आप कोई बिज़नेस करते हैं, तो आपको अधिक सावधान रहने की ज़रुरत है। हैकर्स आपके बिज़नेस से जुड़ी जरुरी जानकारियां चुरा सकते हैं या आपके ट्रांजैक्शन को हैक करके आपको बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।
ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि आप अपने बिज़नेस को साइबर फ्रॉड से सिक्योर करें। ताकि ना सिर्फ आपका डाटा सुरक्षित रहे बल्कि आपको किसी भी तरह का आर्थिक नुकसान भी ना झेलना पड़े। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको अपने बिजनेस को साइबर फ्रॉड से सुरक्षित रखने के अचूक तरीकों के बारे में बता रहे हैं, चलिए जानते हैं उन तरीकों के बारे में…
Protect Your Business From Cyber Fraud
अपनी पहचान की गोपनीयता का रखें ध्यान :
आज हर कोई इंसान सोशल मीडिया पर एक्टिव है। पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें से एक साधारण लड़की के वीडियो को मॉर्फ़ करके एक प्रसिद्ध एक्ट्रेस का चेहरा लगा दिया गया। हम सभी लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या नेट बैंकिंग में अपनी कई सारी जानकारियां अपलोड करते हैं, जिन्हें चुराकर हैकर आपको कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है। इन चीजों से सिक्योर होने के कुछ तरीके हैं, जैसे स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का इस्तेमाल करना, सभी सोशल मीडिया एकाउंट्स और नेट बैंकिंग में टू स्टेप्स वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करना आदि।
अपनी डिवाइसेस को सिक्योर करना :
मान लीजिये एक कंपनी में 500 कर्मचारी हैं और सभी के पास या तो लैपटॉप हैं या डेस्कटॉप। अब यदि ये सभी डिवाइसेस सिक्योर्ड नहीं होंगी, तो आपकी कंपनी के डाटा के चोरी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। ऐसे में इनसे बचने के कुछ तरीके होते हैं जैसे – कंपनी के डाटा का कहीं पर बैकअप रखना, अपने कर्मचारियों को हैकिंग के बारे में समय-समय पर ट्रेनिंग देते रहना और सबसे ज़रूरी सही सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर जैसे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना।
अपने डाटा के प्रति सजगता :
बिज़नेस में आगे बढ़ने के लिए अपने कॉम्पिटिटर्स को एनालाइज करना ज़रूरी होता है। ऐसे में अगर आपका कोई कॉम्पिटिटर आपके डाटा को हैक करवा ले, तो वो बिज़नेस की कुछ ज़रूरी चीज़ें जैसे आप माल कहाँ से खरीदते हैं, प्रोडक्शन की क्या प्रोसेस है और आप किन किन को कितनी कीमत पर माल बेचते हैं, इनके बारे में जान सकता है। इसके बाद आपको बिज़नेस में बहुत बड़ा लॉस हो सकता है। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने बिज़नेस के डाटा को कहीं बैकअप करके रखें और इसके साथ ही बिज़नेस में अच्छे सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को भी आपको इस्तेमाल करें।
सुरक्षित ट्रांजैक्शन :
किसी भी बिज़नेस में रोजाना कई सारी ट्रांजैक्शन होती हैं और बड़े-बड़े अमाउंट की होती हैं। अगर कोई इन ट्रांजैक्शन को हैक कर ले, तो वह इस डिटेल के द्वारा आपके अकाउंट से सारा अमाउंट चुरा सकता है। इस तरह की चोरी से बचने के लिए आप कुछ तरीके अपना सकते हैं।
जैसे कोई भी ट्रांजैक्शन करने के लिए आप अपने वेब ब्राउज़र के नार्मल मोड की जगह इन्कॉग्निटो मोड का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क आपके आईपी एड्रेस को छुपाता है, जिससे कोई हैकर आपको हैक नहीं कर सकता। इसके अलावा एक और तरीका है ईमेल में कॉन्फिडेंशियल मोड का इस्तेमाल करना, इसके अंदर भेजे गए ईमेल को कोई भी ना तो फॉरवर्ड कर सकता है, ना ही प्रिंट और डाउनलोड कर सकता है। इसके साथ ही इसमें आप ईमेल की एक्सपायरी डेट भी सेट कर सकते हैं।
ऑफिस नेटवर्क :
आज के डिजिटल युग में लगभग सभी बिज़नेस अपने ट्रांजैक्शन और हर प्रकार की कम्युनिकेशन ऑनलाइन ही करते हैं। ऐसे में अगर हैकर आपके ऑफिस नेटवर्क को हैक कर लें और आपके नेटवर्क में वायरस, मैलवेयर आदि चीजें आ जाएँ, तो आपके ट्रांजैक्शन और कम्युनिकेशन चोरी हो सकते हैं और इससे आपके बिज़नेस को बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है।
इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने ऑफिस नेटवर्क में फ़ायरवॉल नेटवर्क लगा सकते हैं। जिस तरह आपके ऑफिस प्रिमाइसेस की सुरक्षा के लिए आप एक सिक्योरिटी गार्ड को रखते हैं। ठीक उसी प्रकार फ़ायरवॉल आपके ऑफिस नेटवर्क पर अनऑथोराइज़्ड लिंक्स, वायरस आदि को आने से रोकता है।
संदिग्ध ईमेल या लिंक पर क्लिक न करें
कई बार साइबर ठग बैंकिंग फ्रॉड के लिए ईमेल या लिंक भेजते हैं और कुछ झांसा देकर फंसाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में किसी भी संदिग्ध ईमेल या लिंक पर क्लिक ना करें। अगर आपके पास कोई भी संदिग्ध मैसेज या ईमेल आता है, तो तुरंत इसे बैंक को सूचित करें। ऐसा करके आप धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकते हैं।
गलती से भी शेयर न करें ओटीपी
ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त कन्फर्म करने के लिए यूजर के मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी आता है। ओटीपी डालने के बाद ही आप पेमेंट कर सकते हैं। ज्यादातर लोग फोन और मैसेज के जरिए अपना ओटीपी नंबर शेयर कर देते हैं। लेकिन गलती से भी ओटीपी शेयर नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके साथ फ्रॉड हो सकता है।
किसी के साथ साझा न करें बैंकिंग डिटेल्स
ऑनलाइन बैंकिंग की कोई भी डिटेल जैसे- ओटीपी, पासवर्ड या यूजरनेम किसी के साथ भी शेयर ना करें। ऐसा करना आपकी बैंकिंग सेफ्टी के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले वेरिफाइड बैज चेक करके ही डाउनलोड करें। अक्सर लोग बिना चेक करे किसी भी ऐप को डाउनलोड कर लेते हैं। ऐसे में ऐप ओपन होते ही आपके फोन की सभी निजी जानकारी साइबर ठग के पास पहुंच जाती है, जिससे ऑनलाइन फ्रॉड के मामले बढ़ जाते हैं।
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