ईसपुर सहकारी सभा गबन मामले में विजिलेंस विभाग ने सभा के पूर्व सचिव शाम कुमार के पिता को भी आरोपित बनाकर उसे गिरफ्तार कर लिया जो अभी पुलिस रिमांड में चल रहा है। बता दें कि विजिलेंस ने अक्टूबर 2020 में सहकारी सभा में 6 करोड़ 63 लाख के गबन के आरोप में सचिव के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू की थी। वहीं मामले में अब नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार विजिलेंस की जांच में पाया गया है कि सभा सचिव शाम कुमार ने अपने ही परिवार में तीन करोड़ से अधिक राशि के ऋण बांट डाले।
सचिव ने अपने चचेरे भाई अमन पाठक के नाम पर दो ऋण 70 लाख और 25 लाख लिए जिसमें 40 लाख के करीब ऋण वापस भी जमा किया है। सचिव ने अपनी पत्नी के नाम 60 लाख, पिता के नाम दो ऋण 80 लाख और 35 लाख और सचिव ने खुद के नाम 75 लाख और 15 लाख के दो ऋण लिए हैं। इतना ही नहीं, सचिव ने ऐसे लोगों को भी ऋण बांट दिए जिन्हें पता भी नहीं था कि उनके नाम ऋण सभा मेें है। इनमें से जोगिंदर सिंह जो कि लंदन में रहता है, उसके नाम भी 60 लाख रुपये का ऋण है और उसे इस बात का उस समय पता चला जब विजिलेंस की जांच में उसका नाम आया।
ऐसा ही ऋण सतीश पाठक के नाम 60 लाख और 35 लाख, मोनिका के नाम 80 लाख और ऐसे ही एक ऋण जो पहले चार लाख 15 हजार का था और उसके आगे आठ लगाकर 84 लाख पंद्रह हजार का बनाया गया था।
अभी ईसपुर सभा के गबन मामले की जांच चल रही है। इस मामले में विजिलेंस ने लगभग 6 करोड़ 63 लाख के गबन की राशि के हिसाब को जांच लिया है और जांच अब अंतिम पड़ाव में है।
-मनोज कुमार, जांच अधिकारी एसवी एंड एसीबी एसआइयू शिमला।