शिमला |
Himachal Crypto Currency Fraud: हिमाचल प्रदेश क्रिप्टोकरेंसी ठगी (Crypto Currency Fraud) मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को एक महिला समेत सात और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में मंडी जिले के नेरचौक से परसराम सैणी, सुंदरनगर से संजय, बल्ह से केवल सिंह, जिला हमीरपुर से दिग्विजय सिंह और अमित, कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां से गोविंद गोस्वामी और पंचकूला से अराधिका शामिल है।
पुलिस ने सभी आरोपियों को शिमला न्यायालय में पेश किया, जहां से सभी को 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। गिरफ्तार किए गए इन सभी आरोपियों ने लोगों को झांसा देकर उनका निवेश करवाया। पुलिस जांच में सामने आया है कि शातिरों ने हिमाचल प्रदेश में सुनियोजित तरीके से इस घटनाक्रम को अंजाम दिया। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं।
बता दें कि इससे पहले (Crypto Currency Fraud) मामले में एसआईटी दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि मास्टरमाइंड सुभाष अभी फरार है। एसआईटी का मानना है कि एक कॉरपोरेट कंपनी की तरह इस ठगी के धंधे को अंजाम दिया जा रहा था। पुलिस ने जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया है, वे सभी सीधे तौर पर निवेशकों के संपर्क में थे। इनमें से एक व्यक्ति ऑफिस का काम संभालता था।
लोगों को कैसे पैसे का निवेश करना है और उन्हें कैसे पैसा लगाए जाने के लिए तैयार करना है, यह जिम्मा इस आरोपी पर था। दूसरा आरोपी वित्तीय व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहा था। लोगों ने जो पैसा लगाया है, उस राशि को कैसे दूसरी जगह निवेश करना है, यह काम दूसरा आरोपी देखता था। जिन्होंने पैसा लगा दिया है उनको कैसे रिटर्न देना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस झांसे में आएं। एक अन्य आरोपी अपनी टीम के सदस्यों के साथ निवेशकों के पास जाता था। वह निवेशकों के साथ बैठक करता था और उन्हें लुभावने सपने दिखाता था कि कैसे वे जल्द अमीर बन जाएंगे। जितना पैसा वे लगाएंगे, उसका रिटर्न कितना और कब उन्हें मिलेगा।
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले (Crypto Currency Fraud) का मुख्य आरोपी सुभाष दुबई में छिपा बैठा है। एसआईटी का मानना है कि यह घोटाला करीब एक हजार करोड़ का है। हिमाचल प्रदेश के अलावा इन आरोपियों ने बाहरी राज्यों के लोगों को भी ठगा है।